दिगविजय मोहन मंत्र


इस मंत्र को कागज मेँ एक सो आठ खंड मेँ मंत्र लिख कर, मंत्र पढ कर एक एक कर अहुती दे।तब मंत्र जीवित हो कर काम करने लगता है।जब भी अवश्यक हो तब एक हजार मंत्र जाप कर के और एक सो आठ खंड कागज मेँ मंत्र लिखकर अहुती दे।तब स्त्री, पुरुष,शत्रु और कोई भी हो मोहित हो कर आप के हार काम करेगा और हार बात को मानने लगता है।कुछ भी कहने पर भी बुरा नही मान्नता है।कुछ भी आदेश देने पर खुशि खुशि उस आदेश को पालन करता है।इस मंत्र मेँ जीस स्थान पर अमुक लिखा है उस स्थान मेँ जीसको मोहित वश करना है, उस व्यक्ति का नाम लेना है। इस मंत्र से हर स्थान पर विजय प्राप्त होता है। मंत्र- ॐ नमो अरुद्दुति अश्वथनी अमुक छवि फट स्वाहा।

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