पद्मिनी यक्षिणी साधना

भोजपत्र पर केसर से यक्षिणी का चित्र बना करके चन्दन चावल पुष्प और धूप से एक मास तक तीनोँ काल मेँ उपरोक्त मंत्र से तीन हजार जाप करना चाहिए पुनः अमावस्या के देन विधिपूर्वक पूजा करके रात मेँ घी का दीपक जलावेँ और सम्पूर्ण रात जाप करता रहे।इस साधना से प्रातःकाल यक्षिणी आती है। मंत्र-ॐ आगच्छ ह्रीँ पद्मिनी स्वाहा॥

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