देवी कृत्या साधना


कृत्या साधना, एक उच्चकोटि का साधना है।शत्रु नाशक, हर आपद नाशक और जो भी आपद बिपद सब का नाश होता है।कारोबार और किसी भी चिज पर वाधा आ रही हो तो कृत्या का उपासना से हर वाधा दुर होता है।कृत्या सिद्धि होने पर धन की कमी नही रहता है।देवी साधक का रक्षा के साथ उसका परिवार का भी रक्षा करती है।जीसको कृत्या का कुपा प्राप्त हो उसका अपमूत्यु नही होता है।कृत्या साधना सिद्धि होने पर शत्रुओँ पर विजय प्राप्त करने वाला और मन से ,तान से अतिवालसाली हो जाता है।देवी को जो काम करने को बोला जाए वह खुशि खुशि उस काम को कर देती है,चाहे वह बुरा काम हो या अच्छा काम हो।साधक जीस तरहा का नौकरी या जीस वश्तू का चाहत करता है,देवी उस मनोकामना को मिनटो मेँ पुर्ण कर देती है।देवी के कुपा प्राप्ति के बाद साधक भोगविलास का जीवन जीने के बाद ही, कृत्या देवी के शरीर मेँ विलिन हो जाता है।साधना करने के लीए साधक कला वस्त्र का उपयोग करेँ और दक्षिण देशा के और मुँह कर बैठ जाए।आसन मेँ, काले कपडा ले।कडवे तेल का एक दीपक जालाकर अपने आगे रखे।साधना पुर्ण होने तक बह्मचर्य का पालन करेँ।साधना 21 दिन चालेगा।जब साधना पुर्ण होगा तब देवी दर्शन देगी।। मंत्र-ॐ कृत्या सर्व शत्रुणाँ मारय मारय हन हन ज्वालय ज्वालय जय जय साधक प्रिये ॐ स्वाहा॥

Comments

Unknown said…
kitna den may sidi milayga